एमएसएमई(MSMEs): विकास का दूसरा इंजन
- Muskan Verma
- 11 फ़र॰
- 3 मिनट पठन
संघीय बजट 2025-26 में MSMEs को विकास का दूसरा इंजन मानते हुए, सरकार का उद्देश्य वित्तीय समर्थन, कौशल विकास और बुनियादी ढांचे के उन्नयन के माध्यम से MSMEs (सूक्ष्म, छोटे और मझोले उद्यम) को बढ़ावा देना है। MSMEs भारत की औद्योगिक अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये देश के विनिर्माण GDP में 36% का योगदान करते हैं और इसके निर्यात का 45% हिस्सा होते हैं। ये व्यवसाय लगभग 7.5 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं, और आर्थिक विकास, उद्यमिता को बढ़ावा देने और घरेलू और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

प्रमुख पहल और योजनाएँ
MSME वर्गीकरण मानदंड में संशोधन
उद्देश्य:📈 MSMEs को संचालन का विस्तार करने और वित्तीय लाभ प्राप्त करने के लिए प्रेरित करना।
प्रमुख विशेषताएँ:
💰 निवेश और कारोबार की सीमा 2.5 और 2 गुना बढ़ाई गई।
📊 प्रौद्योगिकी उन्नयन और रोजगार सृजन को बढ़ावा।
✅ MSMEs हमारे निर्यात का 45% जिम्मेदार हैं।
वृद्धारित क्रेडिट उपलब्धता और गारंटी कवर
उद्देश्य:💳 MSMEs के वित्तीय समर्थन प्रणाली को मजबूत करना।
प्रमुख विशेषताएँ:
🏦 क्रेडिट गारंटी कवर बढ़ाया गया।
✅ सूक्ष्म और छोटे उद्यम: ₹10 करोड़ (₹5 करोड़ से) → अगले 5 वर्षों में अतिरिक्त ₹1.5 लाख करोड़।
✅ स्टार्टअप्स: ₹20 करोड़ (₹10 करोड़ से) → 27 लक्षित क्षेत्रों के लिए 1% गारंटी शुल्क।
🚀 निर्यातक MSMEs: ₹20 करोड़ तक टर्म लोन।
💳 सूक्ष्म उद्यमों के लिए क्रेडिट कार्ड: ₹5 लाख की सीमा उद्यम-रजिस्टर्ड MSMEs के लिए।
✅ पहले वर्ष में 10 लाख कार्ड जारी किए जाएंगे।
📊 प्रभाव विश्लेषण:
घटक | पहले की स्थिति | बाद की स्थिति (अपेक्षित) |
MSME क्रेडिट तक पहुँच | सीमित 🚫 | विस्तारित ✅ |
स्टार्टअप वृद्धि | धीमी 🐢 | तेज 🚀 |
निर्यात प्रतिस्पर्धा | मध्यम 📉 | मजबूत 📈 |
स्टार्टअप्स के लिए फंड ऑफ फंड्स
उद्देश्य:💰 स्टार्टअप्स को दीर्घकालिक वित्तीय सहायता प्रदान करना।
प्रमुख विशेषताएँ:
🚀 ₹91,000 करोड़ की प्रतिबद्धता वैकल्पिक निवेश निधियों (AIFs) के लिए।
💸 सरकारी योगदान: ₹10,000 करोड़।
📈 नए फंड ऑफ फंड्स के साथ अतिरिक्त ₹10,000 करोड़।
पहली बार उद्यमियों के लिए योजना
उद्देश्य:🎯 महिलाओं, SCs और STs के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देना।
प्रमुख विशेषताएँ:
👩 5 लाख महिलाओं, SC/ST पहली बार उद्यमियों को ऋण मिलेगा।
💸 ₹2 करोड़ तक के टर्म लोन 5 वर्षों के लिए।
🎓 ऑनलाइन कौशल निर्माण और व्यापार प्रबंधन प्रशिक्षण।
फुटवियर और चमड़ा क्षेत्र के लिए केन्द्रित उत्पाद योजना
उद्देश्य:
👞 फुटवियर और चमड़ा क्षेत्र में उत्पादकता, गुणवत्ता और प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाना।
प्रमुख विशेषताएँ:
✅ डिज़ाइन क्षमता, घटक निर्माण और उत्पादन के लिए मशीनरी का समर्थन।
✅ अपेक्षित रोजगार: 22 लाख लोग।
📊 कारोबार: ₹4 लाख करोड़; निर्यात: ₹1.1 लाख करोड़।
खिलौना क्षेत्र के लिए उपाय
उद्देश्य:🧸 भारत को खिलौना निर्माण का वैश्विक केंद्र बनाना।
प्रमुख विशेषताएँ:
✅ खिलौना क्लस्टर और निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र का विकास।
✅ नवीन और टिकाऊ खिलौने बनाने के लिए कौशल विकास पहल।
🌍 भारत के ‘मेड इन इंडिया’ ब्रांड को वैश्विक बाजार में मजबूत करना।
खाद्य प्रसंस्करण के लिए समर्थन
उद्देश्य:
🍛 खाद्य प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन को मजबूत करना, विशेष रूप से पूर्वी भारत में।
प्रमुख विशेषताएँ:
🎓 राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान, बिहार।
✅किसानों की उपज के लिए मूल्य संवर्धन बढ़ाया गया।
✅ ग्रामीण युवाओं के लिए रोजगार और उद्यमिता के अवसर।
राष्ट्रीय निर्माण मिशन
उद्देश्य:
🏭 MSMEs और बड़े उद्योगों के माध्यम से 'मेक इन इंडिया' को बढ़ावा देना।
प्रमुख विशेषताएँ:
🏗️ निर्माण के लिए नीति समर्थन और रोडमैप।
🔋 स्वच्छ प्रौद्योगिकी निर्माण के लिए प्रोत्साहन।
⚡ सोलर PV कोशिकाएं, EV बैटरियाँ, मोटर्स और नियंत्रक।
🌬️ पवन टरबाइन, उच्च-वोल्टेज ट्रांसमिशन उपकरण।
🔋 ग्रिड-स्तरीय बैटरी निर्माण।
निष्कर्ष: MSMEs का भविष्य भारत में
MSMEs भारत की आर्थिक वृद्धि और वैश्विक बाजार में उसकी स्थिति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। सरकार द्वारा आसान क्रेडिट पहुंच, कौशल विकास और बेहतर बुनियादी ढांचे पर जोर देने से MSMEs में महत्वपूर्ण वृद्धि देखने को मिलेगी। "मेक इन इंडिया" और स्वच्छ प्रौद्योगिकी जैसी पहल के माध्यम से ये उद्यम वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ेंगे। जैसे-जैसे MSMEs बढ़ेंगे और फलेंगे-फूलेंगे, वे भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
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