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कृषि: विकास का पहला इंजन

कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो लगभग 45% कार्यबल को रोज़गार प्रदान करती है। केंद्रीय बजट 2025-26 ने कृषि को विकास का पहला इंजन माना है, जिसमें उत्पादकता, स्थिरता, ग्रामीण समृद्धि और वित्तीय समावेशन पर विशेष ध्यान दिया गया है।

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मुख्य योजनाएँ और पहल

1. प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना

उद्देश्य:

  • 100 कम उत्पादकता वाले ज़िलों का विकास कर कृषि वृद्धि को बढ़ावा देना।

  • ऋण उपलब्धता, फसल गहनता और फसल कटाई के बाद के प्रबंधन को सुधारना।

मुख्य विशेषताएँ:

🌱मौजूदा योजनाओं का समायोजन।

🚜सिंचाई और ऋण सुविधाओं पर विशेष ध्यान।

🌾फसल विविधीकरण और सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा।

👨‍🌾अनुमानित लाभार्थी: 1.7 करोड़ किसान


2. ग्रामीण समृद्धि और संकट निवारण कार्यक्रम

उद्देश्य: कृषि में रोज़गार की चुनौतियों का समाधान और ग्रामीण आजीविका को मज़बूत बनाना।

मुख्य विशेषताएँ:

🌱कौशल विकास के माध्यम से रोज़गार सृजन।

🚜ग्रामीण युवाओं, छोटे किसानों और महिलाओं को सहायता।

🏡स्थानीय अवसरों का सृजन कर ग्रामीण पलायन को रोकना।

🔬वैश्विक एवं घरेलू सर्वोत्तम प्रथाओं को अपनाना।


3. दलहन में आत्मनिर्भरता

उद्देश्य: दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करना।

मुख्य विशेषताएँ:

🌾तुअर, उड़द और मसूर दाल पर विशेष ध्यान।

📈पिछले दशक में खेती के क्षेत्रफल में 50% की वृद्धि।

🏦NAFED एवं NCCF द्वारा 4 वर्षों तक दलहन की खरीद।

📊प्रभाव विश्लेषण:

कारक

पहले

उम्मीदित परिणाम

दलहन आयात

अधिक

कम

किसान आय

कम

अधिक

फसल उत्पादन

कम

सुधार

4. फल और सब्जी उत्पादन कार्यक्रम

उद्देश्य: पोषण सुरक्षा और किसानों की आय में वृद्धि।

मुख्य विशेषताएँ:

🥦बागवानी एवं श्री-अन्न (मोटे अनाज) को प्रोत्साहन।

🏭आपूर्ति श्रृंखला और प्रसंस्करण उद्योगों को मज़बूत बनाना।

🤝किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और सहकारी समितियों की भागीदारी।


5. बिहार में मखाना बोर्ड

उद्देश्य: बिहार में मखाना उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देना।

मुख्य विशेषताएँ:

✅मखाना किसानों के लिए संगठित FPOs

✅मूल्य संवर्धन और विपणन सहायता।

✅प्रशिक्षण एवं सरकारी योजनाओं तक पहुँच।

🌍बिहार की संभावनाएँ:

  • भारत: विश्व के 90% मखाना उत्पादन में योगदान।

  • बिहार: प्रमुख उत्पादक राज्य।

  • वैश्विक बाजारों में निर्यात की संभावना।


6. उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन

उद्देश्य: जलवायु सहिष्णु और उच्च उपज वाले बीजों का विकास।

मुख्य विशेषताएँ:

🧬कीट प्रतिरोधी फसलों के लिए अनुसंधान एवं विकास।

🌾100 से अधिक बीज किस्मों को व्यावसायिक रूप से उपलब्ध कराना।

🚜अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत बनाना।


7. मत्स्य पालन विकास योजना

उद्देश्य: भारत की समुद्री क्षेत्र की क्षमता का दोहन।

मुख्य विशेषताएँ:

🐟भारत: दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मछली उत्पादक।

🌊अंडमान एवं लक्षद्वीप में गहरे समुद्री मत्स्य पालन पर ध्यान।

💰₹60,000 करोड़ के समुद्री खाद्य निर्यात का लक्ष्य।


8. कपास उत्पादकता मिशन

उद्देश्य: कपास उत्पादन और स्थिरता में सुधार।

मुख्य विशेषताएँ:

👕5-वर्षीय योजना के तहत उच्च गुणवत्ता वाली अतिरिक्त-लंबा रेशा कपास (एक्स्ट्रा-लॉन्ग स्टेपल कपास) का विकास।

🔬वैज्ञानिक एवं तकनीकी सहायता।

📈भारत के वस्त्र उद्योग को सशक्त बनाना (5F विजन: फार्म से फाइबर, फाइबर से फैक्ट्री, फैक्ट्री से फैशन, फैशन से विदेशी बाज़ार)।

🧵वस्त्र उद्योग पर प्रभाव:

  • कपास किसानों की आय में वृद्धि।

  • वस्त्र उद्योग के लिए उच्च गुणवत्ता वाले कच्चे माल की उपलब्धता।

  • वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार।


9. किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) के माध्यम से उन्नत ऋण

उद्देश्य: किसानों के लिए ऋण तक आसान और बढ़ी हुई पहुँच।

मुख्य विशेषताएँ:

🏦ऋण सीमा ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख।

🌾7.7 करोड़ किसान, मछुआरे और डेयरी किसान लाभान्वित होंगे।

💰किफायती ऋण के लिए संशोधित ब्याज अनुदान योजना।


10. यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता

उद्देश्य: उर्वरक उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना।

मुख्य विशेषताएँ:

🏭 असम में नया यूरिया संयंत्र (12.7 लाख मीट्रिक टन वार्षिक क्षमता)।

🛠 पूर्वी भारत में 3 निष्क्रिय यूरिया संयंत्रों का पुनरुद्धार।

🚜 किसानों के लिए यूरिया की उपलब्धता और किफायती दर सुनिश्चित करना।


11. ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए इंडिया पोस्ट की भूमिका

उद्देश्य: इंडिया पोस्ट के विशाल नेटवर्क का उपयोग कर वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना।

मुख्य विशेषताएँ:

📨 1.5 लाख ग्रामीण डाकघरों के माध्यम से वित्तीय और लॉजिस्टिक्स सेवाएँ।

🏦 इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक के साथ एकीकरण।

📈 सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को ऋण सेवाएँ।


📊संभावित प्रभाव:

कारक

पहले

बाद में (अपेक्षित)

ग्रामीण बैंकिंग

सीमित

विस्तारित

लॉजिस्टिक्स

अविकसित

मज़बूत

MSME समर्थन

बिखरा हुआ

एकीकृत

निष्कर्ष: भारत में कृषि का भविष्य

भारत की GDP और रोज़गार में कृषि की भूमिका महत्वपूर्ण बनी हुई है। सरकार की पहल आत्मनिर्भरता, आधुनिकीकरण और वित्तीय समावेशन पर केंद्रित है। नवाचार, ऋण पहुँच और सतत कृषि पद्धतियाँ भविष्य की वृद्धि को परिभाषित करेंगी। कृषि में आत्मनिर्भरता भारत को विकसित भारत की ओर ले जाएगी।


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